25 जनवरी 1971 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने शिमला के रिज मैदान पर हिमाचल प्रदेश को देश का 18वां पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की।
डॉक्टर यशवंत सिंह परमार हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री बने और एस चक्रवर्ती हिमाचल के प्रथम राजयपाल (गवर्नर) बने।
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Toggleहिमाचल प्रदेश के मुख्य धर्म
हिमाचल में हिन्दू
हिमाचल प्रदेश के करीब 96% लोग हिन्दू धर्म को मानने वाले हैं। हिन्दू लोग दीवाली, दशहरा, शिवरात्रि, जन्माष्टमी, होली, रामनवमी इत्यादि त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।
कुल्लू का दशहरा, मण्डी की शिवरात्रि, सुजानपुर टिहरा की होली, हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध त्योहार हैं। हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है।
हिमाचल में मुस्लिम
हिमाचल प्रदेश की 1.72% जनसंख्या मुस्लिम है। यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। अधिकतर मुस्लिम जाति का संबंध चम्बा की गुर्जर जनजाति से है।
सबसे अधिक मुस्लिम चम्बा जिले में पाए जाते हैं। शिमला में स्थित जामा मस्जिद प्रसिद्ध है।
हिमाचल में बौद्ध
बौद्ध हिमाचल प्रदेश का तीसरा बड़ा धार्मिक समूह है। यह प्रदेश में केवल 1.23% है। सबसे अधिक बौद्ध अनुयायी किन्नौर जिले में हैं।
इसके बाद लाहौल-स्पीति का स्थान आता है। धर्मशाला में तिब्बती, बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा का निवास स्थान है। पद्मसंभव एक प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु थे।
ताबो गोम्पा विश्व का सबसे पुराना गोम्पा है। यह 996 ई. में स्थापित किया गया। इसे ‘हिमाचल प्रदेश का अजंता’ कहा जाता है। ‘की’ विश्व का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित गोम्पा है। ये दोनों गोम्पा लाहौल-स्पीति जिले में स्थित हैं।
हिमाचल में सिख
हिमाचल प्रदेश में 1.22% लोग सिख हैं। सिखों की सर्वाधिक जनसंख्या ऊना जिले में है। इसके बाद सिरमौर जिले का स्थान आता है। पौंटा साहिब का गुरुद्वारा (गुरु गोविंद सिंह) सबसे प्रसिद्ध है।
हिमाचल के लोकगीत
- चम्बा के प्रसिद्ध लोकगीत – ‘फुलमु-रूंझु’, ‘कुंजु-चंचलो’, ‘राजा-गंद्दण’, ‘भुक्कु-गद्दी’, ‘लच्छी’ चम्बा के प्रसिद्ध लोकगीत हैं।
- कांगड़ा के प्रसिद्ध लोकगीत – ‘हरिसिंह राजेया’, ‘नूरपुरे दिए खतरेटिए’, ‘सुलिया टंगोई गई मेरी जान’, ‘घोड़ी’, कांगड़ा का विवाह गीत हैं।
- मण्डी के प्रसिद्ध लोकगीत – ‘निर्मण्डा रीए ब्राह्मणिए’, ‘मनी रामा पटवारिया’, ‘न मन्या ओ हंसा’।
- बिलासपुर के प्रसिद्ध लोकगीत – ‘मोहणा’, ‘गम्भरी, बालो, झुंज्युटी’
- शिमला और सिरमौर लाह्मण, झूरी, नाटी और हार।
हिमाचल के लोकनाट्य
- करियाला-शिमला का लोकनाट्य
- स्वांग-बिलासपुर का लोकनाट्य
- बांठड़ा-मण्डी का लोकनाट्य
- भगतु-कांगड़ा का लोकनाट्य
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हिमाचल के लोकनृत्य
नाटी-यह पूरे हिमाचल प्रदेश का लोकनृत्य है। इसे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। यह एक सामूहिक नृत्य है।
- शिमला- ‘गी’ और ‘माला’ नाटी।
- कुल्लू-कड़थी नाटी
- शिमला, सिरमौर-बिडसु लोकनृत्य, बुडाह लोकनृत्य
- चम्बा-डांगी और डेपक
- पांगी-फुल यात्रा नृत्य
- किन्नौर-कायांग, बाक्यांग, बंयाग्चछु, पनास, डेयांग, चामिक, जापरो
- किन्नौर, लाहौल-स्पीति-दानव, नृत्य, बाग (मुखौटा नृत्य), शांद और शाम्भू
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