भारत में रविवार की छुट्टी को अंग्रेजो की देन समझा जाता है परन्तु क्या हम ये जानते हैं कि अंग्रेजो में ये रविवार की छुट्टी की धारणा कहाँ से आई। क्यों रविवार के दिन को ही छुट्टी का दिन माना जाता है।
चूँकि रविवार की छुट्टी अंग्रेजो की देन है इसलिए हमें ईसाइयत के इतिहास की तरफ चलना होगा क्यूंकि रविवार की छुट्टी का सम्बन्ध उन 10 आज्ञाओं (Commandments) से है जो यहूदियों के पैगंबर समझे जाने वाले हजरत मूसा को ईश्वर की तरफ से मिली थीं।
यहूदी,इस्लाम और ईसाइयत एक ही परिवार के सदस्य माने जाते हैं क्यूंकि इनके तीनो धर्मो में पहले पैगम्बर हजरत इब्राहिम थे।
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Toggleयहूदी,इस्लाम और ईसाइयत का प्रारम्भ
- हजरत इब्राहिम के बहुत सारे बेटे हुए उनके बड़े बेटे का नाम था इस्माइल। इस्माइल से इस्लाम धर्म की उत्पति हुई। और इसी परम्परा में बहुत आगे चलकर हुए “हजरत मोहम्मद”
- हजरत इब्राहिम के एक बेटे का नाम था इसहाक। इसहाक के बेटे का नाम इसराइल और इसराइल के 12 बेटे हुए जिन्हे 12 कबीले भी कहा जाता है। इन्ही 12 बेटों में एक हुए यहूदा या Juda । इन्ही यहूदा से यहूदी धर्म की उत्पति हुई।
- यहूदा के वंश में बहुत आगे चलकर ईसा मसीह का जन्म हुआ जिन्होंने ईसाई धर्म की स्थापना की।
अब जब यहूदियों के 12 कबीलों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। तो इन्होने इजीप्ट में जाकर शरण ली। परन्तु इजीप्ट के लोग इनको पसंद नहीं करते थे क्यूंकि ये लोग बाहर से आकर यहाँ बसे थे
और इन्होने यहाँ के संसाधनों पर कब्ज़ा कर लिया था या संसाधनों को इस्तेमाल कर रहे थे। अब यहाँ पर इनका भीषण नरसंहार हुआ इनको दासों की तरह इस्तेमाल किया जाता था और इनको काफी यातनाएं दी जाती थी।
इस समय यहूदी लोगो का यहाँ से भागकर अलग अलग देशों में बसने का दौर शुरू हुआ। अब यहूदी धर्म में जन्म होता है हजरत मूसा का।
हजरत मूसा जिनको मोजज भी कहा जाता है वो इन सारे यहुदिओं को एकत्रित करके इजीप्ट से माउंट सेनाई ले गए जो आजकल के मक्का के पास पड़ता है।
माउंट सेनाई में ही हजरत मूसा को ईश्वर का सन्देश एक फरिस्ते के माध्यम से मिलता है। ये सन्देश वो 10 आज्ञाएं (Commandments) हैं जो ईश्वर ने यहूदी लोगो को उनके रहन सहन और जीवन यापन के बारे में दी हैं।
ईश्वर ने ये भी सन्देश दिया कि इन 10 आज्ञाओं (Commandments) को एक प्लेट पर उकेरा जाये और एक लकड़ी के संदूक में संभाल कर रखा जाये।
राजा सोलेमन ने (970-931) ईसा पूर्व में एक मंदिर का निर्माण करवाया जिसे Temple of mount कहा जाता है। और जहाँ पर इस संदूक को रखा उस जगह को Holi of the holies कहा गया यानि पवित्र में सबसे पवित्र। इस मंदिर की जमीन पर अभी विवाद चल रहा है।
ईश्वर द्वारा दी गईं 10 कमांडमेंट क्या थीं
10 कमांडमेंट जो ईश्वर ने एक फरिश्ते के माध्यम से हजरत मूसा को दीं वो इस प्रकार हैं
- मेरे अतिरिक्त किसी ईश्वर की पूजा नहीं करनी हैं।
- मूर्ति पूजा नहीं करनी है अर्थात मेरी मूर्ति या कोई चित्र बनाकर पूजा नहीं करनी है
- ईश्वर का नाम अपने लालच या किसी दूसरे फायदे के लिए नहीं लोगे।
- अपने माता पिता का सम्मान करना है
- किसी की हत्या नहीं करनी है
- व्यभिचार अर्थात परगमन का विचार नहीं करना है।
- किसी चीज़ की चोरी नहीं करनी है।
- अपने पड़ोसी के खिलाफ झूठी गवाही नहीं देनी है
- अपने पड़ोसी की किसी भी सम्पति पर बुरी निगाह नहीं रखनी है। वो सम्पति कोई भी हो जर, जोरू या जमीन। अर्थात पैसा, पत्नी या जमीन।
- और रविवार (Sunday) के दिन काम नहीं करना है और केवल ईश्वर का याद करना है । बाईबल की ओल्ड टेस्टामेंट “जिसको यहूदी लोग मानते हैं” उससे ये धारणा बनी सप्ताह का एक दिन पवित्र दिन यानि Holi – Day रखना है। ये Holiday ही आगे चलकर छुट्टी का दिन बन गया।
संक्षेपण
चूँकि बाईबल की ओल्ड टेस्टामेंट को ईसाई लोग भी मानते हैं और रविवार के दिन को एक पवित्र दिन मानते हैं इसलिए जब अंग्रेजो ने भारत पर शासन किया तो इस Holiday की मान्यता भारत की परम्परा में भी आ गई।
हालाँकि बहुत कम भारतीय रविवार को मंदिरों में जाते हैं और भारत में रविवार को आराम करने का दिन माना जाता हैं इसके विपरीत सोमबार को जरूर एक पवित्र दिन माना जाता है।
भारत में रविवार के स्थान पर बाकि सभी दिनों को किसी न किसी रूप में ईस्वर से जोड़ा जाता है। हालाँकि ये केवल Holiday की धारणा है लेकिन रविवार की छुट्टी के लिए कारखानों और फ़ैक्ट्रोरियों के मजदूरों को लम्बा संघर्ष करना पड़ा था।
ये लोग सप्ताह में सातों दिन काम करते थे। मेघाजी लोखंडे ने सबसे पहले इस विषय पर आवाज उठाई और 10 जून, 1890 को अंग्रेजो ने रविवार के दिन को छुट्टी वाला दिन घोषित कर दिया।
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