मस्जिद मुसलमानो का इबादत घर होता है जिसे प्रार्थना स्थल भी कहा जा सकता है। ये अंदर से एक खाली कमरे की तरह होती है जिसमे कोई भी मूर्ति या तस्वीर नहीं होती है यहाँ पर मुस्लिम लोग इक्कठे होकर नमाज़ पढ़ते हैं।अगर किसी मस्जिद में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज भी पढ़ी जाती है तो उसे जामा मस्जिद कहा जाता है। जुम्मे की नमाज़ शुक्रबार दोपहर में 1 से 2 बजे के बीच पढ़ी जाती है।
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Toggleजमात किसे कहते हैं
हिन्दू जब अपने भजन या कथा सुनने के लिए इक्कठे होते हैं तो उसे संगत कहा जाता है उसी प्रकार जब मुस्लिम लोग नमाज पढ़ने के लिए इक्कठे होते हैं उसे जमात कहा जाता है।
कैसे इस्तेमाल में आया नमाज़ शब्द- नमाज संस्कृत के शब्द से निकला एक शब्द
कुरान में वैसे तो नमाज की जगह सलात शब्द का इस्तेमाल होता है परन्तु BBC के अनुसार
“नमाज़ शब्द संस्कृत के शब्द नमस् से बना है। जिसका मतलब होता है भक्ति भाव से झुकना। नमस् शब्द ईरानियों के द्वारा फारस पहुंचा वहाँ ये नमस् से नमाज़ बन गया।”
और धीरे धीरे ये अफ़ग़ानिस्तान, आज़रबैजान, तुर्की, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्केमानिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया बर्मा, और मलेशिया में पहुँच गया।
नमाज दिन में कितनी बार पढ़ी जाती है।
सुन्नी मुसलमान दिन में 5 बार और शिया मुसलमान दिन में 3 बार नमाज़ पढ़ते हैं। इनके नमाज पढ़ने के तरीकों में भी भिन्नता पाई जाती है जैसे शिया मुसलमान हाथ खोलकर नमाज़ पढ़ते हैं जबकि सुन्नी मुसलमान हाथ जोड़कर नमाज़ पढ़ते हैं।
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नमाज़ के नाम और समय
- फज़र की नमाज – सूरज निकलने से लगभग 20 मिनट पहले।
- ज़ोहर की नमाज – दोपहर के लगभग 2 बजे।
- असर की नमाज़ – शाम के लगभग 05:45 (पौने 6 बजे)
- मग़रिब की नमाज – सूरज डूबने के 5 मिनट बाद।
- ईशा की नमाज – मग़रिब की नमाज़ के लगभग डेढ़ घंटे बाद।
- तरावीह की नमाज़ – ऊपर दी गई 5 नमाज़ों के अलावा एक नमाज़ होती है जो केवल रमज़ान के महीने में पढ़ी जाती है इसे तरावीह की नमाज़ कहा जाता है और ये नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ी जाती है।
भारत में कितनी जामा मस्जिद हैं
भारत में 3 लाख के लगभग मस्जिदें हैं और मस्जिदों के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। सबसे ज्यादा मस्जिदों में इंडोनेशिया पहले स्थान पर है जहाँ पर लगभग 8 लाख मस्जिदें हैं।
जामा मस्जिदों की सँख्या की गिनती करना मुश्किल है क्यूंकि शहर में एक या दो ऐसी मस्जिदें जरूर होती हैं जहाँ शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ पढ़ी जाती है। भारत की कुछ जामा मस्जिद इस प्रकार हैं।
- दिल्ली का जामा मस्जिद :- दिल्ली की जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी जामा मस्जिद है इसका निर्माण शाहजहाँ ने करवाया था। ये 1656 में बनकर तयैर हुई थी।
- अहमदाबाद जामा मस्जिद :- ये मस्जिद भी भारत की बड़ी मस्जिदों में एक है इसका निर्माण सुलतान अहमद शाह ने 1424 में करवाया था।
- भोपाल जामा मस्जिद
- औरंगाबाद जामा मस्जिद
- मथुरा जामा मस्जिद
- श्रीरंगपटना जामा मस्जिद
- बोधगया जामा मस्जिद
- बुरहानपुर जामा मस्जिद
- पुलबामा जामा मस्जिद
- बैंगलौर जामा मस्जिद
भारत की पहली मस्जिद कौन सी थी
भारत की पहली मस्जिद केरल में स्थित है क्यूंकि भारत के दक्षिण में स्थित कई राजा उस समय अरब से व्यापार करते थे। अरब के लोग अक्सर यहाँ आते थे और यहाँ के मसालों को ले जाकर अरब में महंगे दामों में बेचते थे।
उस समय यहाँ पर चेरामन पेरुमल नाम के एक राजा का शासन था। इतिहासकार बताते हैं कि राजा चेरामन पेरुमल अरब जाकर पैगम्बर मोहम्मद से मिले थे और उसके बाद उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था।
जब वो भारत के लिए वापस आये तो उनके साथ पैगम्बर मोहम्मद का एक साथी मलिक इब्न दीनार भी था। रास्ते में किसी बीमारी के कारण चेरामन पेरुमल की मौत हो गई। परन्तु राजा ने एक पत्र लिखकर अपने वंशजों से यहाँ मस्जिद बनाने की प्रार्थना की थी।
इस प्रकार सन 629 ईस्वी में चेरामन जुम्मा मस्जिद का निर्माण मलिक इब्न दीनार द्वारा राजा चेरामन पेरुमल की आज्ञा पर करवाया गया। चूँकि ये मस्जिद केरल शैली में बनाई गई है इसलिए दिखने में कुछ कुछ हिन्दू मंदिर की तरह लगती है।
इसके अंदर उसी समय से एक दीपक जल रहा है जिसमे सभी धर्मो के लोग जो भी यहाँ आते हैं तेल डालते हैं।
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