कब्र ,दरगाह, मजार और मकबरा इन सभी में मृतकों को दफनाया जाता है। परन्तु क्या हम जानते हैं कि इन सबमे क्या अंतर होता है। बास्तव में कब्र ,दरगाह, मजार और मकबरा किसी व्यक्ति के जीवनकाल के बारे में बताते हैं। एक कब्र को एक मकबरे का रूप देने के लिए उसको एक अलग तरह से डिज़ाइन देना पड़ता है। कब्र, दरगाह, मजार और मकबरे में क्या अंतर है आइये समझते हैं।
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Toggleकब्र क्या होती है ?
कब्र उस जगह को कहते हैं जहाँ मरने के बाद मृतक को दफनाया जाता है। कब्रें मुख्य तौर पर कब्रिस्तान में पाई जाती हैं।
कब्रिस्तान भी कई प्रकार के होते हैं कुछ कब्रिस्तान शहर के अंदर बनाये जाते हैं और कुछ कब्रिस्तान शहर या गॉंव से थोड़ी दूरी पर बनाये जाते हैं।
कब्र के ऊपर पत्थर पर मरने वाले का नाम, उसका जन्म स्थान, उसका जन्म और मृत्यु दिन आदि अंकित किया जाता है।
भारत का सबसे मशहूर कब्रिस्तान कौन सा है ?
उत्तर प्रदेश के आगरा का पचकुइंया शाही कब्रिस्तान भारत ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है। जहाँ पर कब्रों की संख्या इतनी हो चुकी हैं कि अब यहाँ और लोगो को दफ़नाने के लिए जमीन कम पड़ने लगी है।
दरगाह या मज़ार किसे कहते हैं?
इस्लाम धर्म कई मतों में बिभाजित है जिनमे से एक है सूफीवाद जिसे सूफिज्म भी कहते हैं। और इस मत का अनुशरण करने बाले लोगो को सूफी संत कहते हैं।
इन्ही की कब्र के ऊपर एक सुंदर इमारत तयैर कर दी जाती है उसे दरगाह या मज़ार कहते है।
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इसके अलाबा पीर, वली या किसी महापुरुष की कब्र पर भी जो सुंदर इमारत तैयार की जाती है उसे भी दरगाह या मजार के नाम से पुकारा जाता है।
ये ईमारत उन लोगो के द्वारा तयैर की जाती है जो उस सूफी संत, पीर, वली आदि का अनुसरण कर रहे होते हैं। दरगाह एक फ़ारसी शब्द है और मज़ार एक अरबी शब्द है।
अगर इनकी कब्र पर सुंदर इमारत का निर्माण नहीं हुआ हो तो भी इनकी कब्र मजार ही कहलाएगी क्यूंकि किसी भी इस तरह के असामान्य व्यक्ति की कब्र मजार या दरगाह ही कहलाती है।
दरगाह या मज़ार पर इस्लाम, हिन्दू, सिख और जैन सभी धर्मो के लोग जाकर माथा टेकते हैं और प्रार्थना करते हैं ।
परन्तु कुछ इस्लामिक कट्टर लोग यहाँ जाना पसंद नहीं करते क्यूंकि इस्लाम में मूर्ति पूजा को हराम समझा जाता है और वो लोग मानते हैं कि यहाँ आकर माथा टेकना मूर्ति पूजा का ही एक रूप है
भारत की प्रसिद्ध दरगाह कौन सी हैं
- हाजी अली दरगाह मुंबई
- मणोरी दरगाह मुंबई
- निजामुद्दीन दरगाह दिल्ली
- अजमेर शरीफ दरगाह राजस्थान
- पीर बाबा दरगाह जम्मू
- गरीब शाह दरगाह जम्मू
- पीर इस्माइल दरगाह औरंगाबाद
मकबरा क्या होता है ?
किसी भी सुलतान या बादशाह, उसके खानदान के किसी व्यक्ति अथवा किसी राजनैतिक व्यक्ति की कब्र के ऊपर बनाई गई सुंदर इमारत मकबरा कहलाती है। भारत में मकबरे बनाने की शुरुआत इल्तुमिश ने की थी।
मकबरे में एक या एक से अधिक लोगों की कब्रें हो सकती हैं। जैसे ताजमहल में मुमताज और शाहजहां दोनों की कब्रें है। हुमायूँ का मकबरा जो दिल्ली के दीनापनाह में मथुरा मार्ग पर स्थित है उसमे हुमायूँ के परिवारजनों की लगभग 150 कब्रें मौजूद हैं।
बादशाह अपने लिए मकबरा खुद भी बनवाते थे
कुछ बादशाह ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने अपने कब्र के लिए मकबरो का निर्माण खुद करवाया था। जैसे अकबर ने अपने लिए मकबरे का निर्माण अपने जिन्दा रहते ही शुरू करवा दिया था
परन्तु इसके पूरा होने से पहले ही उसकी मौत हो गई। अत: अकबर के मकबरे के निर्माण कार्य को उसके बेटे जहाँगीर ने पूरा करवाया।
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भारत के प्रशिद्ध मकबरे कौन कौन से हैं
- ताजमहल, आगरा ,उत्तर प्रदेश
- शेरशाह सूरी का मकबरा ,सासाराम ,बिहार
- हुमायूँ का मकबरा, नई दिल्ली
- अकबर का मकबरा,सिकंदरा , उत्तर प्रदेश
- बीबी के मक़बरा ,औरंगाबाद, महाराष्ट्र
- मुहम्मद आदिल शाह का मकबरा (गोल गुम्बज़), बीजापुर, कर्णाटक
संक्षेपण
इस प्रकार हम देखते हैं कि कब्र ,दरगाह, मजार और मकबरा एक ही जगह के अलग अलग नाम हैं जो अलग अलग व्यक्तियों के जीवनकाल को प्रदर्शित करते हैं।
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