दुबई, जो सयुंक्त अरब अमीरात UAE( United Arab Emirates) के, 7 अमीरातों में से एक है। आज का दुबई कुछ समय पहले तक, मछुआरों का एक गॉव हुआ करता था। उस समय ये गॉव अबू धाबी सल्तनत का एक हिस्सा हुआ करता था।
लेकिन आज ये दुनिया के सबसे शानदार और समृद्ध शहरों में से एक बन गया है। इसकी गगनचुंबी इमारतें, शानदार शॉपिंग मॉल, कृत्रिम द्वीप और विश्व स्तरीय पर्यटन इसे एक वैश्विक केंद्र बनाते हैं।

दुबई के, अरब शहर होने के वाबजूद भी उन्होंने अपनी रूढ़िवादी परम्पराओं को अपनी तरक्की में बाधक नहीं बनने दिया है यही कारण है कि यहां जिस भी प्रकार के कपड़े पहनकर आ जा सकते हैं और होटलों के अंदर शराब भी पी सकते हैं।
दुबई में क़ानून के अनुसार, विदेशी लड़का और लड़की साथ रह सकते हैं और यहाँ के अस्पतालों में यूरोपीय देशों के लोगों को सिर्फ़ अपना कार्ड दिखाना पड़ता है कि हम इस बच्चे के माता-पिता हैं लेकिन अभी तक हमारी शादी नहीं हुई है। इस प्रकार अब अगर कोई महिला बिना शादी किए गर्भवती हो जाती है तो उसे रूढ़िवादी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।
दुबई की विकास यात्रा को जानने से पहले हम UAE ( United Arab Emirates) के बारे में थोड़ा सा जान लेते हैं जिससे दुबई के बारे में जानना थोड़ा आसान हो जायेगा।
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Toggleसंयुक्त अरब अमीरात (UAE) के 7 अमीरात कौन कौन से हैं
UAE ( United Arab Emirates) एक ऐसा देश है जो सात अमीरातों का एक संघ है जिनमें से प्रत्येक अमीरात का अपना वंशानुगत शासक होता है। वंशानुगत मतलब एक ही परिवार की अगली पीड़ी, अमीरात की अगली शासक बनती है।
अमीरात” (Ameerat) एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है रियासत या राज्य। अमीर (Emir) एक प्रकार का शासक या राजकुमार होता है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के सभी सात अमीरातों के अपने-अपने शासक हैं, जिन्हें अमीर (Emir) कहा जाता है।
अपने अपने अमीरात का शासन इन्ही अमीरातों के हाथ में ही होता है और वे अपने-अपने अमीरात के कानूनों, अदालतों और पुलिस बलों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
ये सात अमीर एक साथ मिलकर संघीय सर्वोच्च परिषद (Federal Supreme Council) बनाते हैं जो UAE के फैंसले लेने वाली सबसे बड़ी संस्था है। अबू धाबी – अमीरात, के शासक, “राष्ट्रपति” और दुबई – अमीरात के शासक, “उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री” बनते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के 7 अमीरात इस प्रकार हैं
अबू धाबी (Abu Dhabi) – यह UAE की राजधानी भी है। अबू धाबी के बर्तमान शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान हैं। ये UAE के बर्तमान राष्ट्रपति भी हैं।
दुबई (Dubai) – दुबई अपनी आधुनिक वास्तुकला और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। इसके बर्तमान शासक मोहम्मद बिन रशीद अल मकतूम हैं जो कि संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति भी है।
शारजाह (Sharjah) – शारजाह , UAE की सांस्कृतिक राजधानी भी है। इसके शासक बर्तमान महामहिम शेख सुल्तान बिन मोहम्मद अल कासिमी हैं।
अजमान (Ajman) – अजमान, क्षेत्रफल के हिसाब से UAE का सबसे छोटा अमीरात है। अजमान के बर्तमान शासक शेख हुमैद बिन राशिद अल नूमी हैं।
उम्म अल कुवैन (Umm Al Quwain) – यह अमीरात अपनी शांत और पारंपरिक जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के बर्तमान शासक सऊद बिन राशिद अल मुअल्ला हैं।
रास अल खैमा (Ras Al Khaimah) – यह अमीरात, यहाँ के पहाड़ों और मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है । यहाँ के बर्तमान शासक हिज हाइनेस शेख सऊद बिन सक्र अल कासिमी हैं।
फुजैराह (Fujairah) -ये UAE का इकलौता ऐसा अमीरात है जो ओमान की खाड़ी के किनारे स्थित है। यहाँ के बर्तमान शासक शेख हमद बिन मोहम्मद अल शर्की हैं।
दुबई का रेत के टीलों से गगनचुंबी इमारतों तक का सफर
1822 के ब्रिटिश नेवल सर्वेयर के अनुसार, उस समय दुबई, मछुआरों का एक गॉव हुआ करता था जो अबू धाबी सल्तनत का हिस्सा था जिसकी आबादी लगभग 1000 के आस पास थी। यहाँ के लोग मछलियों को पकड़कर और समुद्र से मोती चुनकर अपनी आजीविका चलाया करते थे।
1833 में दुबई के शासक, शेख़ मकतूम बिन बुट्टी अल मकतूम ने दुबई को अबू धाबी से अलग करके एक नया सम्राज्य घोषित किया। 1850 में पहली बार अंग्रेजों की नज़र दुबई पर पड़ती है क्यूंकि ये इलाका भारत को ब्रिटेन और दूसरे देशों से जोड़ता था।
अंग्रेजों ने यहाँ की सातों रियासतों के साथ समझौता किया। इस समझौते के अनुसार ,अंग्रेजों ने इन सातों रियासतों को बाकि देशों से सुरक्षा देने का बचन दिया और बदले में दुबई की बंदरगाह पर , अंग्रेजों के समुद्रीं जहाजों की सुरक्षा का बचन लिया।
अब ब्रिटेन और पुर्तगाल के जहाज यहाँ पर आकर रुकने लगे और दुबई एक बंदरगाह के रूप में बिकसित होने लगा। 1959 में दुबई के शासक शेख राशिद बिन सईद अल मकतूम ने यूरोप का सफर किया।
शेख राशिद बिन सईद अल मकतूम ने यूरोप की तकनीक, गगनचुम्बी इमारतों और वहाँ की चकाचौंध को देखा। वो इन सब चीज़ों से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने दुबई को भी इसी तरह से बनाने का फैसला किया।
इन्होने यूरोप से वापस आते ही अपने बंदरगाहों को गहरा करवाना शुरू कर दिया ताकि बड़े जहाज भी दुबई तक आ सकें। इस प्रकार जिस दुबई तक, कल तक केवल छोटी मोटी नावें पहुँचती थी।
अब बड़े बड़े जहाज पहुँचने लगे जिसने दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियों का यहाँ आना आसान कर दिया। और अब मछुआरों के उस छोटे से गॉव का विस्तार होने लगा।
तेल की खोज के बाद दुबई ने तरक्की की नई ईबारत लिखी
1966 में दुबई में तेल की खोज हुई और ये खोज दुबई के इतिहास का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। दुबई के शासकों ने तेल की कमाई का एक बड़ा हिस्सा देश की सड़कों, फ्लाईओवर, भवनों, एयरपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्टर में लगाना शुरू किया।

2 दिसंबर 1971 को दुबई अंग्रेजों के कब्जे से आजाद हो गया और 6 अमीरातों अबू धाबी, दुबई, शारजाह, अजमान, उम्म अल-कुवैन और फ़ुजैराह का एक संघ बन गया जिसका नाम UAE ( United Arab Emirates) रखा गया । 1972 में सातवां अमीरात, रास अल खैमाह भी संध में शामिल हो गया।
उस समय “अबू धाबी”, सयुंक्त अरब अमीरात, का सबसे शक्तिशाली अमीरात था इसलिए फैसला किया गया कि अबू धाबी का शासक ही राष्ट्रपति होगा और दुबई का शासक प्रधानमंत्री होगा। इसके बाद दुबई ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
1979 में दुबई में जहाँ कई किलोमीटर चलने के बाद कोई 2 मंजिला मकान देखने को मिलता था तो आज दुनिया की सबसे बड़ी गगनचुम्बी इमारतें दुबई में मौजूद हैं। दुनिया की सबसे ऊँची ईमारत बुर्ज खलीफा की बात हो। दुबई मॉल की बात हो या दुबई मेट्रो की बात हो, दुबई ने दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
दुबई शहर, अपने शासकों का दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम
दुबई की असाधारण सफलता का श्रेय इसके दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है। शेख राशिद बिन सईद अल मकतूम ने तेल से अर्जित आय का बुद्धिमानी से उपयोग किया उनको ये पता था कि लम्बे समय की समृद्धि के लिए तेल पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा।
उन्होंने दुबई को एक व्यापारिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई। आज, तेल इसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक छोटा सा हिस्सा ही योगदान करता है ( 3% से भी कम)।
शेख राशिद बिन सईद अल मकतूम के उत्तराधिकारियों ने भी इसी विजन को आगे बढ़ाया। विशेष रूप से, शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने। उनकी रणनीतिक सोच, साहसिक निर्णय लेने की क्षमता और नवाचार पर जोर देने ने दुबई को आज जहां है, वहां पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दुबई में 1999 में बना, बुर्ज अल-अरब, होटल दुनिया के सबसे शानदार होटलों में शामिल है। जिसका निर्माण, शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने करवाया इन्होने ही बुर्ज खलीफा का निर्माण करवाया।
उन्होंने ही राष्ट्रीय एयरलाइन “एमिरेट्स” का निर्माण करवाया। आज राष्ट्रीय एयरलाइन एमिरेट्स दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में शामिल है जो शहर की कनेक्टिविटी को दूसरे देशों के साथ जोड़ती है।
पाम जुमेरा नाम का एक कृत्रिम द्वीप, दुबई में है, उसके निर्माण के लिए समुद्र तल से 120 मिलियन क्यूबिक मीटर रेत निकाली गई थी और इसमें किसी भी प्रकार का कंक्रीट या लोहा नहीं लगाया गया है। बुर्ज खलीफा, दुबई मॉल, पाम जुमेराह और विभिन्न थीम पार्क जैसे आकर्षण हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

दुबई ने निवेशकों और व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए 30 क्षेत्र , मुक्त व्यापार क्षेत्र घोषित किये । इन क्षेत्रों में कर छूट, 100% विदेशी स्वामित्व जैसी आकर्षक नीतियां प्रदान की जाती हैं।
निष्कर्ष
दुबई का मछली पकड़ने के गांव से लेकर एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य बनने का सफर एक अविश्वसनीय कहानी है। यह दूरदर्शी नेतृत्व, अर्थव्यवस्था के विविधीकरण, बुनियादी ढांचे में भारी निवेश, रणनीतिक योजना और एक अनुकूल व्यापारिक माहौल का परिणाम है।
दुबई ने यह साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और नई तकनीक को अपनाने से एक रेगिस्तानी बस्ती भी विश्व के मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकती है।
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