हम आज तक पढ़ते आये हैं की फलाँ पार्टी लेफ्ट आइडियोलॉजी से प्रभावित हैं और फलां पार्टी राइट आइडियोलॉजी से प्रभावित है। JNU (जवाहर लाल नेहरू) विश्विद्यालय में वामपंथी विचारधारा का प्रभाव अधिक है इस कारण JNU में ऐसे ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा हो जाती है जिनकी वजह से ये विश्विद्यालय अधिकतर चर्चा में रहता है।

भारतीय जनता पार्टी अथवा शिवसेना पर रइटिस्ट होने का इल्जाम लगाया जाता हैं तथा समाजवादी और बहुजन समाजवादी पार्टी पर लेफ्टिस्ट होने का इल्जाम लगता है।

ये वामपंथी (Left Wing) और दक्षिणपंथी (Right Wing) होता क्या है। और इस विचारधारा की शुरुआत कब हुई थी। आइये समझते हैं

क्या है लेफ्ट विंग और राइट विंग। कब हुई इसकी शुरुआत

फ्रांस में साल 1789 में जब 16वें किंग लुई को राजा बनाया जाना था तो फ्रांस की नेशनल असेम्ब्ली के लोग संबिधान बनाने के लिए एक जगह इक्कठे हुए। इन सदस्यों में लोकतंत्र और राजतंत्र को लेकर मतभेद था। मतभेद अधिक होने के कारण सभी सदस्य 2 हिस्सों में बंटे हुए थे ।

एक तरफ वो लोग थे जो लोकतंत्र चाहते थे और एक तरफ वो लोग थे जो राजतन्त्र चाहते थे। चूँकि मतभेद अधिक था इसलिए दोनों दल अलग अलग बैठ गए।

राजतन्त्र के समर्थक राजा के दाईं ओर तथा लोकतंत्र के समर्थक राजा के बाईं ओर बैठ गए। और यहाँ से जन्म लिया उस विचारधारा ने जिसे नाम दिया गया लेफ्ट विंग और राइट विंग।

वामपंथी (Left Wing) और दक्षिणपंथी (Right Wing)। दोनों में विचारधारा का फर्क है। What is the difference between left wing and right wing in hindi

बास्तव में सीधी और आसान भाषा में समझा जाये तो दक्षिणपंथी (Right Wing) बिचारधारा में वो लोग आते हैं जो राष्ट्रबाद या राजतंत्र के समर्थक होते हैं और वामपंथी (Left Wing) विचारधारा में वो लोग आते हैं जो लोकतंत्र के समर्थक होते हैं। मार्क्सबाद और समाजबाद लेफ्ट की विचारधारा है तथा फ़ासीबाद और नाज़िबाद राइट की विचारधारा है।

वामपंथी (Left Wing)दक्षिणपंथी (Right Wing)
यह विचारधारा बराबरी, बदलाव और प्रगति को बढ़ावा देती हैइस विचारधारा के लोग परम्परागत रूढ़ियों को मानते हैं और बदलाव से दूर ही रहते हैं
इसमें अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलने के बारे में बात होती है जिससे देश में समानता लाई जा सकेचूँकि इस विचारधारा के लोग सामाजिक रूढ़ियों पर अधिक बल देते हैं इसलिए ये सामाजिक समानता पर अधिक बल नहीं देते
वामपंथी या Left Wing वाले लोगों का मानना है कि समाज के हर इंसान के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिएRight-wing Ideology या दक्षिणपंथी विचारधारा में व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बल दिया जाता है।
वामपंथी विचारधारा अर्थव्यवस्था में अधिक सरकारी हस्तक्षेप का समर्थन करती हैदक्षिणपंथी विचारधारा अर्थव्यवस्था में सीमित सरकारी हस्तक्षेप का समर्थन करती है
मार्क्सबाद और समाजबाद लेफ्ट की विचारधारा हैफ़ासीबाद और नाज़िबाद राइट की विचारधारा है।
महात्मा गाँधी जी और जवाहर लाल नेहरू जी इस विचारधारा के समर्थक थेबेनितो मुसोलिनी और एडोल्फ हिटलर इस विचारधारा के समर्थक थे
बहुजन समाजवादी पार्ट्री, समाजवादी पार्टी जैसी राजनीतिक पार्टियां इस विचारधारा की समर्थक हैंशिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस विचारधारा की समर्थक है

दक्षिणपंथी (Right Wing) विचारधारा के लक्षण

  • विचारों में रूढ़िवाद का होना
  • अपने धर्म को लेकर श्रेष्ठता की भावना
  • अपनी जाति को लेकर श्रेष्ठता की भावना
  • दूसरे धर्मो को खतरा मानना
  • अपनी भाषा को सर्वश्रेष्ठ मानना
  • अपने रंग को लेकर श्रेष्ठता की भावना
  • गाड़ियों पर अपने धर्म व अपनी जाति का नाम अंकित करवाना
  • अपने धर्म अपनी जाति या अपने समूह को केंद्र में रखकर बात करना

वामपंथी (Left Wing) विचारधारा के लक्षण

  • वास्तव में इस विचारधारा में वंचित वर्ग आता है
  • महिलाओं के अधिकारों की बात करना
  • निम्न जातियों के अधिकारों की बात करना
  • थर्ड जेंडर (किंनर) के अधिकारों की बात करना
  • समाज के किसी भी वंचित वर्गों के उत्थान की बात करना
  • रूढ़ियों को दरकिनार करते हुए LGBT (लेस्बिन, गे, बायसेक्सुअल,ट्रांसजेंडर) के अधिकारों की बात करना।

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