जन-गण-मन गीत की रचना सबसे पहले रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बंगाली में की गई थी तथा इसके हिंदी संस्करण को संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रीय गान के रूप में स्वीकार किया गया था।
नोट :- रविंद्र नाथ टैगोर एक बंगाली कवि थे और उस समय बांग्लादेश भी भारत के बंगाल का हिस्सा हुआ करता था इस प्रकार बांग्लादेश का राष्ट्रगान “आमार शोमार बांग्ला” भी रविंद्र नाथ टैगोर जी ने ही सन 1905 में लिखा था।
भारत के राष्ट्रगान को पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था जिसके अध्यक्ष पं. विशन नारायण जी थे। जन-गण-मन का पूरा गीत 5 छंदों से मिलकर बना है।
जन-गण-मन को रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1912 में ‘तत्वबोधिनी’ में ‘भारत भाग्य विधाता‘ शीर्षक(Headline) से प्रकाशित किया था
नोट :- तत्वबोधिनी’ एक पत्रिका थी जिसकी शुरुआत रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्र नाथ टैगोर ने 1839 में की थी। वे इस पत्रिका में हिन्दू धर्म ग्रंथो और दार्शिनकों के विचारों को छापते थे। ईश्वरचन्द्र विद्यासागर, द्विजेन्द्रनाथ ठाकुर और राजनारायण बसु जैसे लोग भी इस पत्रिका के लिए लिखते थे।
जन-गण-मन का 1919 में “मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया” शीर्षक से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया । हमारे राष्ट्रगान की वर्तमान धुन (संगीत) की रचना का श्रेय कैप्टन राम सिंह ठाकुर को जाता है जो कि आज़ाद हिन्द फ़ौज के एक सिपाही तथा संगीतकार थे।
कैप्टन राम सिंह ठाकुर जी जो आज़ाद हिन्द फ़ौज के एक सिपाही थे वो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से सबंध रखते थे इनका जन्म धर्मशाला के पास भागसू खनियारा गांव में 15 अगस्त 1914 को हुआ था।
नोट :- कदम-कदम बढ़ाए जा ख़ुशी के गीत गाये जा और शुभ सुख चैन की बरखा बरसे , भारत भाग है जागा
पंजाब, सिन्ध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंगा जैसे गीतों की रचना कैप्टन राम सिंह ठाकुर ने ही की थी।
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Toggleराष्ट्रगान गाने का टाइम कितना है
वैसे तो राष्ट्रगान को गाने का समय 52 सेकंड का है परन्तु कुछ अवसरों पर छंद की पहली और आखिरी लाइनों का छोटा रूप लगभग 20 सेकंड में भी गया जाता है। जो इस प्रकार है
राष्ट्रीय गान को लेकर विवाद क्यों होता है
राष्ट्रीय गान में लिखे गए अधिनायक और भारत भाग्य विधाता जैसे शब्दों को लेकर विवाद उठते रहते हैं
क्यूंकि अधिनायक का मतलब होता है सर्बोच्च नेता इस प्रकार इस लाइन का मतलब हुआ सर्बोच्च नेता जो भारत के भाग्य का विधाता है।
कुछ लोग मानते हैं कि इन शब्दों का इस्तेमाल इंग्लैंड के राजा जार्ज पंचम के सम्मान में किया गया था क्यूंकि 1911 में जार्ज पंचम भारत आये थे और कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल हुए थे। इन शब्दों को राष्ट्रीय गान से हटाने मांग समय समय पर उठती रही है।
हमारे राष्ट्रीय गान में जय शब्द कितनी बार आता है
हमारे राष्ट्रीय गान में जय शब्द 10 बार आता है
भारत के राष्ट्रीय गान में कितनी नदियाँ हैं
भारत के राष्ट्रीय गान में 2 नदियों के नाम हैं
- गंगा
- जमुना
ये भारत की प्रमुख नदियाँ हैं और लोकगीतों में भी इनका काफी बार नाम आता है। हिमाचल के लोकगीतों में इन दोनों नदियों को 2 बहनें कह कर सम्बोधित किया है।
भारत के राष्ट्रीय गान में कितने राज्य हैं।
भारत के राष्ट्रीय गान में 7 राज्यों का उल्लेख मिलता है। ये 7 राज्य हैं।
- पंजाब
- सिंध – सिंध बंटवारे के समय पाकिस्तान में चला गया था।
- गुजरात
- मराठा
- द्राविड़ – दक्षिण भारत
- उत्कल – कलिंग (उड़ीसा)
- बंग – बंगाल
राष्ट्रीय गान का हिंदी में अनुवाद
जन-गण-मन-अधिनायक जय हे भारत-भाग्य-विधाता
अनुवाद:- जनता के मन के स्वामी उस सर्वोच्च नेता जो भारत का भाग्य विधाता है उसकी जय हो।
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य-हिमाचल-यमुना-गंगा
उच्छल-जलधि-तरंग
पंजाब, सिंधु, गुजरात, मराठा, द्राविड़, उत्कल, बंग और हिमाचल– ये सभी भारत के राज्यों और क्षेत्रों के नाम हैं। जब राष्ट्रगान लिखा गया था उस समय सिंध भारत का ही हिस्सा था जो अब पकिस्तान का हिस्सा है।
यमुना-गंगा, उच्छल जलधि तरंग– यमुना गंगा भारत की नदियां हैं और उच्छल जलधि तरंग का मतलब समुद्र की तरंगे जो उछल रही हैं।
विंध्य – भारत की एक पर्वत श्रृंखला है
इस प्रकार इन पंक्तियों का मतलब हुआ – भारत के सभी क्षेत्र, राज्य, पर्वत, हिमालय, समुद्र तथा नदियाँ एकजुट हैं और ये भारत के नाम का गुणगान करते हैं।
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे,
अनुवाद :- राष्ट्रीय गान गाते हुए हम भारत के नाम का गुणगान कर रहे हैं और उससे आशीर्वाद मांग रहे हैं।
गाहे तव जय-गाथा ।
अनुवाद:- हम भारत की महानता की गाथा गा रहे हैं।
राष्ट्रीय गीत क्या है इसकी रचना किसने की
संस्कृत में लिखे गए राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने की। ये गीत ‘वंदे मातरम्’ स्वतंत्रता संग्राम के समय में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था।
इसे जन-गण-मन के बराबर का दर्जा प्राप्त है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1896 का अधिवेशन पहला राजनीतिक अवसर था जब इसे गाया गया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता रहिमतुल्ला सयानी ने की थी।
बंकिमचंद्र चटर्जी ने अपने उपन्यास ‘आनंदमठ’ में इस गीत को प्रकाशित किया था और 26 जनवरी, 1950 को इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था।
इस गाने का बजाने का समय 1 मिनट और 5 सेकंड, कुल 65 सेकंड है।
नोट: भारतीय संसद का सत्र राष्ट्रीय गान ‘जन-गण-मन’ से शुरू होता है और राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के साथ समाप्त होता है।
राष्ट्रीय गीत कैसे लिखा जाता है
वन्दे मातरम का हिंदी अनुवाद
वन्दे मातरम
अनुवाद:- मैं भारत माता को प्रणाम करता हूँ
सुजलाम सुफलाम मलयजशीतलाम। सस्यश्यामलाम मातरम।। वन्दे मातरम ।।
अनुवाद:- मैं उस माता को नमस्कार करता हूँ जो जल से भरी हुई है , फलों से लदी हुई है, जो शीतल हवाओं वाली और हरे भरे खेतों वाली है
शुभ्रज्योतसना पुलकितयामिनीम फुलकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम सुहासिनीम सुमधुरभाषिणीम सुखदाम वरदाम मातरम।। वन्दे मातरम ।। वन्दे मातरम ।।
अनुवाद:- मैं उस भारत माता को प्रणाम करता हूँ जिसकी रातें चांदनी से जगमगाती हैं, जिसके पेड़ फूलों से लदे हुए हैं जो हमेसा मुस्कुराती है, मीठा बोलती है सुख और वरदान देती है। मैं उस भारत माता को प्रणाम करता हूँ।
नोट :- राष्ट्रीय गीत गाने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता।
राष्ट्रीयगान और राष्ट्रीयगीत में क्या अंतर है
राष्ट्रगान | राष्ट्रगीत |
भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है | भारत का राष्ट्रगीत बन्दे मातरम है |
भारत का राष्ट्रगान रविंद्र नाथ टैगोर ने बंगाली में लिखा था जिसका शीर्षक था “भरोतो भाग्यो बिधाता“ | भारत का राष्ट्रीयगीत बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था और ये उनके उपन्यास “आनंदमठ” में प्रकाशित हुआ था |
राष्ट्रीयगान, भारत की एकता का प्रतीक है | राष्ट्रगीत, भारत की संस्कृति और इतिहास के बारे में बताता है |
ये लगभग राष्ट्र के सभी राष्ट्रीय अवसरों पर गया जाता है | राष्ट्रगीत का शुभ अवसरों पर गाया जाना जरुरी नहीं है |
ये एक निश्चिन धुन के साथ गया जाता है | ये अलग अलग धुनों के साथ गाया जा सकता है |
इसको गाने की अवधि 52 सेकंड है | इसको गाने को अवधि 65 सेकंड है |
भारतीय संसद का सत्र राष्ट्रीय गान ‘जन-गण-मन’ से शुरू होता है | भारतीय संसद का सत्र राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के साथ समाप्त होता है |
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