गोगा जी चौहान वंश के एक महत्वपूर्ण शासक थे जिनको एक देवता के रूप में पूजा जाता है। भारत के हर कोने में खासकर उत्तर भारत में इनके मंदिर देखने को मिल जाते हैं। सर्पदंश से प्रभावित लोग गोगा मंदिर में प्रार्थना करते हैं।

इनको हर जगह अलग अलग नामो से पुकारा जाता है जिनमे से प्रमुख नाम गोगा, गोगा जी, गोगा महाराज, गोगा जाहरवीर, गोगा जाहरपीर, गोगा जी महाराज, गुगा देवता हैं।

किसी भी लोकप्रिय व्यक्ति के साथ बहुत से किस्से कहानियाँ जुड़ जाया करते हैं उसी प्रकार इनके साथ भी कई कहानियाँ जुडी हुई हैं। जैसे इनका जन्म गूगल धुप से हुआ था !

कोई कहता है इनका जन्म गूगल नामक फल से हुआ था जिसको गुरु गोरखनाथ ने इनकी माता को आशीर्वाद के रूप में दिया था।

कुछ ऐतिहासिक स्त्रोतों के अनुसार इनका युद्ध इनके मोसेरे भाइयों अर्जन सर्जन के साथ हुआ था जबकि कुछ ऐतिहासिक स्त्रोत बताते हैं कि जब महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था

तब उसका युद्ध गोगा महाराज से हुआ था जिसमे गोगा जी अपने कई पुत्रो और भतीजों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए थे।

गोगा जी के वंशज कौन हैं

गोगा जी के वंशजों की जानकारी हमें ईस्वरसिंह मडाढ जी की पुस्तक राजपूत वंशावली से प्राप्त हुई। इस पुस्तक में ईस्वरसिंह जी ने अन्य राजपूत शासकों की वंशावली की जानकारी भी दी है।

गोगा जी के वंशज अभी भी जीवित हैं और वो गोगामेड़ी और ददरेवा के हक़दार हैं

गोगा जी की वंशावली

गोगा जी
राव वैरजी
राव उदैराज जी
राव हरराज जी
राव बीजेराज जी
राव विथोरा जी
राव ललो जी
राव जाजन जी
राव गोपाल दास
राव जैतसी
राव रुपाल जी
राव तहतपाल जी
राव मोटा राय जी
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इन वंशजो के और भी पुत्र रहे होंगे परन्तु यहाँ पर ईस्वरसिंह मडाढ जी ने उन्ही की जानकारी दी है जो प्रसिद्ध हुए या सत्तारूढ़ हुए। ईस्वरसिंह मडाढ जी के अनुसार , राव मोटा राय जी के 5 पुत्र हुए।

5 पुत्रों में से 4 ने किसी कारणवश इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। कर्मसी जो कायम खां बना उसी के वंशज कायमखानी मुस्लिम कहलाये और चौहान जाति चायल जाति बन गयी।

कायमखानी चौहानो की दो शाखाएँ हैं

  • जोड़
  • चायल
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ये राजस्थान की गंगानगर की नोहर और भादर तहसीलों में बसते हैं। गोगामेड़ी के मंदिर की ये ही पूजा करते हैं। कर्मसी के अन्य भाइयों ने भी इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था।

जबरदे और जीनदे का नाम जबरूद्दीन और जैनुद्दीन हो गया था और इन्ही से जबदान और जेबदान शाखाएँ प्रसिद्ध हुई

राव मोटा राय जी
कर्मसी (कायम खां)जबर देजीन देजगपालभोजराज
इस्लाम स्वीकार कियाइस्लाम स्वीकार कियाइस्लाम स्वीकार कियाइस्लाम स्वीकार किया

कर्मसी (कायम खां) के आगे 3 पुत्रों की जानकारी मिलती है उनके नाम हैं ताज खां, मुहब्बत खां, अखयार खां

जगपाल
हर राज जी
मालदेव
स्योबरम
कुशाल सिंह
सहसमल
भोजराज
वीरया राम
रूद्र सिंह
खेतसिंह
खेतसिंह
केसरी सिंहउम्मेदसिंह
ददरेवा का हक़दारगोगा मेड़ी का हक़दार
हरिसिंहरतिराम सिंह
प्रताप सिंह
राम सिंह
रतनसिंह
शिवदयाल सिंह (जीवित)
हरिसिंह
बुद्धसिंहबखूसिंह
डूंगर सिंहदूद सिंह
डूंगर सिंह
कान सिंहपहाड़ सिंह (जीवित)

इस प्रकार ईस्वरसिंह मडाढ जी की पुस्तक राजपूत वंशावली के अनुसार, पहाड़ सिंह जी और शिवदयाल सिंह जी गोगा जाहरवीर के वंशज हैं जो अभी भी जीवित हैं।

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