ग्रीस, ग्रीक या यूनान की बात करें तो सबसे पहले ध्यान में आती है पाइथागोरस प्रमेय(theorem), जिसे पढ़ते हुए हर बच्चा बड़ा होता है।
हिंदी स्कूलों में
समकोण त्रिभुज में,
कर्ण का वर्ग = आधार का वर्ग + लम्ब का वर्ग
और इंग्लिश स्कूलों में
In a right-angled triangle, the square of the hypotenuse side is equal to the sum of squares of the other two sides
a = side of triangle
b = side of triangle
c = hypotenuse
यूनान या ग्रीस की बात करें तो दूसरी चीज़ जो ध्यान में आती है वो है विश्व विजेता सिकंदर (अलेक्जेंडर द ग्रेट) जो 20 बर्ष की उम्र में दुनिया जीतने के लिए निकल पड़ा था। जिसने भारत के राजा पोरस को हराया था।
एक और बात जो ग्रीस या यूनान के नाम से ध्यान में आती है वो है ओलिंपिक खेल जो सबसे पहले एथेंस में हुए थे जो ग्रीस की राजधानी है। परन्तु क्या हम जानते हैं कि ग्रीस सभ्यता का इतिहास क्या है।
और इस सभ्यता के बिकसित होने से पहले यूनानी भी भारतियों की तरह बहुत सारे ईस्वर में बिश्वास करते थे जो समय बीतने के साथ और सभ्यता के बिकसित होने के साथ बदलता गया।
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Toggleयूनानी देवताओं और भारतीय देवताओं में समानताएं
प्रारंभिक ग्रीक, ग्रीस, यूनानी (या हेलेंस), भारत में आर्यों की तरह, छोटी छोटी जनजातियों में रहते थे, जिनमें से प्रत्येक जनजाति में एक नेता के अधीन कई परिवार होते थे। जनजातियों के एक समूह का एक राजा होता था जिसका मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन था।
आरंभिक यूनानी कई देवताओं में यकीन करते थे और वो कल्पना करते थे कि सभी देवता, इंसान की तरह ही दिखते होंगे। परन्तु वो देवता मनुष्य से अधिक शक्तिशाली होंगे और साथ में अमर होंगे अर्थात मरते नहीं होंगे ।
प्राचीन ग्रीस मान्यताएं | प्राचीन भारतीय मान्यताएं |
ज़ीउस आकाश का देवता था जो गड़गड़ाहट पैदा करता था। | प्राचीन भारत में इन्हे आकाश देव कहा जाता था |
पोसीडॉन समुद्र का देवता था | प्राचीन भारत में इनको जलदेव कहा जाता था |
सूर्य देवता को अपोलो माना गया था जो भविष्य देख सकते थे | प्राचीन भारत में इनको सूर्य देव कहा जाता था |
एथेना, विजय की देवी और कला की संरक्षिका थी | प्राचीन भारत में विजय की देवी दुर्गा माँ और बुद्धि की देवी सरस्वती थीं |
डायोनिसस शराब के देवता थे | प्राचीन भारत में इन देवता के समतुल्य कामदेव को माना जाता था |
और बहुत सारे अन्य देवता भी थे। यूनानियों को लगता था कि उनके देवता ओलिंपस पर्वत पर रहते हैं।
ग्रीक, ग्रीस या यूनानी सभ्यता का विस्तार
लगभग 800 ईसा पूर्व, ग्रीक गांवों के समूह, शहरी-राज्य बनाने के लिए बड़ी इकाइयों में शामिल होने लगे। शहरी-राज्य के सबसे ऊपर वाले स्थान पर, रक्षा के लिए एक गढ़ बनाया जाता था जिसे एक्रोपोलिस कहते थे
यूनानियों के शहर एक्रोपोलिस के चारों ओर फैले होते थे । ऐसे शहर स्पार्टा, एथेंस, मैसेडोनिया, कोरिंथ, थेब्स आदि थे।
स्पार्टा और एथेंस प्राचीन यूनान के दो सबसे महत्वपूर्ण शहर-राज्य थे परन्तु दोनों का विकास अलग तरीके से हुआ।
स्पार्टन्स हमेसा युद्धों में व्यस्त रहते थे। स्पार्टन्स की मुख्य चिंता सैन्यवाद और युद्ध ही थी, यहाँ तक कि ‘स्पार्टन’ शब्द का प्रयोग अक्सर सैन्यवादी अर्थ के लिए किया जाता है। स्पार्टन अच्छे सैनिक थे, लेकिन उन्होंने ग्रीक संस्कृति में बहुत कम योगदान दिया।
एथेंस का शहर-राज्य स्पार्टा से काफी अलग तरीके से विकसित हुआ। जिन क्षेत्रों पर उसने शासन किया उन पर धीरे-धीरे और शांतिपूर्वक कब्ज़ा किया गया था और सैन्यीकरण विकसित नहीं हुआ था।
एथेंस में उत्कृष्ट बंदरगाह और खनिज भंडार थे। यूनानी लोगों ने एक समृद्ध व्यापार और संस्कृति का निर्माण किया। पेरिक्लीज़ (469 ई.पू.-429-80) एथेंस का सबसे महत्वपूर्ण शासक था।
मैराथन के युद्ध (490 ईसा पूर्व) में यूनानियों ने ईरानी (फारसी) राजा को हराया
431 ईसा पूर्व से 404 ईसा पूर्व तक स्पार्टा और एथेंस के बीच हुआ पेलोपोनेसियन युद्ध एथेंस के लिए दुखद परिणाम लेकर समाप्त हुआ।
एथेंस की हार के बाद के अगले कुछ वर्षों में मैसेडोनिया के राजा फिलिप ने यूनान के अधिकांश राज्यों पर विजय प्राप्त की।
फिर उसका बेटा सिकंदर 20 साल की उम्र में दुनिया जीतने के लिए निकल पड़ा।
13 वर्षों (336 ईसा पूर्व-323 ईसा पूर्व) के दौरान, उसने पूरे ग्रीस को अपना नेतृत्व स्वीकार करने के लिए मजबूर किया और अचमेनिद साम्राज्य पर विजय प्राप्त की।
इससे वह भारत की सीमाओं तक पहुंच गया जहां उसने 326 ईसा पूर्व में झेलम पर राजा पोरस को हराया।
ईसा पूर्व में बर्षों को उलटे क्रम में क्यों लिखा जाता है पढ़ने के लिए क्लिक करें
वह सिंधु नदी से नीचे उतरा और फिर मेसोपोटामिया वापस लौट आया जहां 323 ईसा पूर्व में 32 साल की उम्र में बुखार से उनकी मृत्यु हो गई।
सिकंदर की विजय से विश्व में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन आये। एशिया और यूरोप के बीच व्यापार का विकास हुआ। कई नए शहरों की स्थापना की गई
ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में रोमन साम्राज्य का पूर्व की ओर विस्तार होना शुरू हुआ। रोमन आक्रमणों के कारण यूनानियों का लगभग पूरा क्षेत्र और उनका साम्राज्य, रोमन साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
यूनानी सभ्यता का विश्व में योगदान
ग्रीस की जिस महिमा को दुनिया कभी नहीं भूल पाई है, वह मुख्यतः राजा पेरिकल्स के समय एथेंस की महिमा थी।
ओलंपिक खेल पहली बार 776 ईसा पूर्व में यूनानियों द्वारा ग्रीस के माउट ओलंपस (ओलंपिया) में भगवान ज़ीउस (Zeus) के सम्मान में आयोजित किए गए थे, इसलिए इनका नाम ओलंपिक पड़ा। ओलंपिक खेल 394 ईस्वी तक खेले जाते रहे। 394 ई. से इन खेलों का पतन प्रारम्भ हो गया।
580 ई. में वे पूरी तरह लुप्त हो गये। उन्हें रोमन सम्राट थियोडोसियस द्वारा बुतपरस्त अभिव्यक्तियों के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
बुतपरस्त :- यदि कोई एक से अधिक देवताओं की पूजा करता है तो उसे बुतपरस्त कहा जाता है। ये कई देवताओं (बहुदेववाद) में यकीन रखते हैं।
फ्रांसीसी बैरन, पियरे डी कूबर्टिन ने (पिछले प्राचीन ओलंपिक के लगभग 1500 साल बाद) 1894 में ओलंपिक खेलों को पुनर्जीवित किया और ओलंपिक खेलों की आधुनिक श्रृंखला 1896 में एथेंस में शुरू हुई और तब से ओलंपिक खेलों को हर चौथे वर्ष आयोजित किया जा रहा है।
यूनान के होमर का ‘इलियड’ और ‘ओडिसी’ विश्व के सर्वश्रेष्ठ महाकाव्यों में से हैं।
इलियड एशिया माइनर के पश्चिमी तट के रूप में ट्रॉय शहर के कब्जे और विनाश की कहानी है।
ओडिसी में ट्रॉय से ग्रीक नायक, ओडीसियस के साहसिक कारनामों और घर वापसी का वर्णन किया गया है।
ग्रीक त्रासदी का संस्थापक ‘प्रोमेथस बाउंड’ का लेखक एस्किलस था। सोफोक्लेसिस को ग्रीक त्रासदियों में सबसे महान माना जाता है। उनके प्रसिद्ध नाटक ‘ओडिपस रेक्स’, ‘एंटीगोन’ और ‘इलेक्ट्रा‘ हैं।
अरिस्टोफेन्स को ग्रीक कॉमेडी का मास्टर माना जाता है।
इतिहास, दर्शन, विज्ञान और गणित की दुनिया में ग्रीस
ग्रीस ने दुनिया के कुछ शुरुआती महान इतिहासकारों को जन्म दिया, जैसे हेरोडोटस (‘इतिहास के पिता’ के रूप में जाना जाता है), थ्यूसीडाइड्स, प्लूटार्क आदि।
यूनान के सबसे प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात, प्लेटो और अरस्तू थे।
- प्लेटो– ये सुकरात के शिष्य और ‘रिपब्लिक’ के लेखक थे।
- अरस्तू :- ये प्लेटो के शिष्य तथा विश्वविजेता सिकंदर महान के गुरु थे। अरस्तू दार्शनिक और वैज्ञानिक दोनों थे।
अरस्तू ने दर्शनशास्त्र, चिकित्सा, जीव विज्ञान और खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह गोल्डन मीन के सिद्धांत में विश्वास करते थे, यानी न तो अत्यधिक विलासिता का जीवन और न ही पूरी तरह से आत्म-त्याग।
यूनानियों ने गणित में कई योगदान दिए, विशेषकर ज्यामिति में, जैसा कि यूक्लिड और पाइथागोरस के काम में देखा जाता है।
एथेना का मंदिर, पार्थेनन, ग्रीक वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण है। मायरोन और फ़िडियास प्राचीन ग्रीस के दो सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। यह फ़िडियास था जिसे पेरिकल्स ने एथेंस में एक्रोपोलिस के निर्माण की निगरानी के लिए नियुक्त किया था।
निष्कर्ष
मनुष्य के शुरुआती सफर में बाकि सभ्यताओं की तरह यूनानी लोग भी बहुत सारे ईस्वर में यकीन रखते थे जो भी अधिक शक्तिशाली चीज़ उनको दिखती थी जो मनुष्य से अधिक शक्तिशाली होती थी उसको ईस्वर मान लिया जाता था।
बाकि सभ्यताओं की तरह ये भी युद्धों में उलझे रहते थे। समय बीतने के साथ इन्होने बहुत सी चीज़ों में सुधार किया। और विश्व को अपने गणित, विज्ञान, दर्शनशास्त्र से प्रभावित किया।
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